2023, Vol. 8 Issue 2, Part B
आधुनिकीकरण से उपजे मानसिक स्वास्थ्य पर प्राणायाम के सकारात्मक प्रभाव का अध्ययन
AUTHOR(S): Narendra Kumar and Dr. Manju Bora
ABSTRACT:
सर्वप्रथम समाज में रहते हुए हम एक सामाजिक प्राणी है। आये दिन विविध उतार-चढ़ाव को हम देखते है और इस बात से भी इन्कार नही किया जा सकता कि आधुनिकीकरण क्रांति से मनुष्य ने चाँद-तारों में अपनी पहुँच बना ली है। और निरन्तर औद्योगिक क्रांति तीव्र रूप ले रही है। जहाँ नये-नये संसाधनों की खोज रही है, वही प्रतिपल मानवीय गुणों का हास भी हो रहा है। यही आपाधापी में मनुष्य कई दुषचंताओं का शिकार बन रहा हैं। चिकित्सक इसे लाइफ स्टाइल डिसआर्डर कहते है। मानसिक स्वास्थ्य मन से जुड़ी हुई प्रक्रिया है। मन के प्रसन्न रहने से ही शरीर के सारे सिस्टम पॉजीटिव कार्य करते है । और मन की अशांति शरीर को नगेटिव ऊर्जा प्रदान करती है। मनोकायिक रोग मन की गहराईयों में पलते हैं । और शरीर के धरातल पर पनपते है। योग जीवन के रूपान्तरण की एक विशिष्ट कला एवं विज्ञान है। योग द्वारा हिंसा, क्रोध, ईष्या, द्वेष आदि दुष्प्रवृत्तियों का रूपान्तरण स्वतः, अहिंसा, क्षमा, एकाग्रता, प्रेम करूणा में सहज ही हो जाता है। कई मनोरोगों में प्राणायाम द्वारा आशातीत परिणाम पाये गये है क्योंकि प्राणायाम द्वारा ली गई दिव्य प्राणिक ऊर्जा शरीर व मन के विषाक्त द्रव्यों को समाप्त करने में सक्षम होती है।
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How to cite this article:
Narendra Kumar, Dr. Manju Bora. आधुनिकीकरण से उपजे मानसिक स्वास्थ्य पर प्राणायाम के सकारात्मक प्रभाव का अध्ययन. Int J Yogic Hum Mov Sports Sciences 2023;8(2):100-104.